होंगे कामयाब,


होंगे कामयाब, 
हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन। 
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।

होगी शांति चारों ओर, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
होगी शांति चारों ओर एक दिन।

नहीं डर किसी का आज एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज एक दिन।

- गिरिजा कुमार माथुर

सरकार ने तो अपना फैसला सुना दिया. उनका टशन तो यही था, राष्ट्र की इकोनोमी को बढ़ाना अब तो आवाम का टशन है की बचत कैसे करें? क्या हो गया??? सब के मुह में यही बात थी. सारे न्यूज़ चैनल इसी बात को लेकर परेशान . आवाम को मद्दे नज़र रखते हुए तो पेट्रोल, डीसल और रसोई गैस के दाम नहीं बढाये. मेरे घर में क्या, सब के घर में यही रहा चर्चा का विषय. चाहे वो कोई टीवी स्टार हो या एक मामूली सा आदमी जो प्रति दिन २० रुपये कम कर गुज़ारा करता है. प्रधानमंत्री जी ने तो अपनी बात देश के सामने रख दी पर अब जनता क्या करे? इससे तो हर उस चीज़ पर असर पड़ेगा जो हम रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में इस्तेमाल करते हैं. चाहे वो सब्जी के दाम हो या, बच्चों की स्चूल फीस, वैन वाले पैसे बढा देंगे और कॉलेज की फीस, घर की बाई का मासिक वेतन या फिर एक माली के आने- जाने का खर्चा . छोटी से बड़ी चीज़ महंगी हो जायेगी. अब आम आदमी इस खोज में है की किस तरह अपने खर्च में कटौती करें की ये बढोतरी इतनी महंगी न पढ़ जाए. 


basic facilities

കേരളത്തിലെ സര്‍ക്കാര്‍/എയ്ഡഡ് പൊതുവിദ്യാലയങ്ങളിലെ അടിസ്ഥാന സൌകര്യങ്ങളെക്കുറിച്ചുള്ള വിവരശേഖരണം 2012 സെപ്റ്റംബര്‍ 24 മുതല്‍ ഒക്ടോബര്‍ 15 വരെ നടത്താന്‍ തീരുമാനിച്ചിരിക്കുന്നതിനാല്‍ എല്ലാ പ്രധാനാധ്യാപകരും ഒക്ടോബര്‍ 15 വൈകുന്നേരം അഞ്ച് മണിക്ക് മുമ്പായി www.education.kerala.gov.in എന്ന വെബ്സൈറ്റിലെ basic facilities എന്ന ലിങ്കിലൂടെ വിവരങ്ങള്‍ സമര്‍പ്പിക്കേണ്ടതാണ്. ഇന്റര്‍നെറ്റ് സൌകര്യം ലഭ്യമല്ലാത്ത എല്‍.പി., യു.പി. പ്രധാന അദ്ധ്യാപകര്‍ക്ക് അടുത്തുള്ള ഹൈസ്കൂളിലെ ഇന്റര്‍നെറ്റ് സൌകര്യം ഉപയോഗിക്കാവുന്നതാണ്. സ്കൂളുകളുടെ അഞ്ചു ഡിജിറ്റ് സ്കൂള്‍ കോഡ് ഉപയോഗിച്ച് basic facilities എന്ന ലിങ്കിലേക്ക് പ്രവേശിക്കാവുന്നതും, ഡാറ്റാ എന്‍ട്രി കഴിഞ്ഞ് ലഭിക്കുന്ന പ്രിന്റ് പ്രധാന അദ്ധ്യാപകന്റെ ഒപ്പും, ഓഫീസ് സീലും പതിപ്പിച്ച് അതാത് ജില്ലാവിദ്യാഭ്യാസ ഓഫീസുകളില്‍ ഏല്‍പ്പിക്കേണ്ടതുമാണ്.

हिन्दी निबंध कैसे लिखें? वेबदुनिया डेस्क

क्या आप जानते हैं निबंध क्या होता है? नि और बंध शब्द से मिलकर बना है निबंध यानी जिसे बांधा ना जा सके वही निबंध है। जब भी स्कूलों में प्रतियोगिताएं या परीक्षा होती है निबंध सबसे पहले आता है। कई बार हमें समझ में नहीं आता है कि निबंध कैसे लिखें? हम जानकारी तो एकत्र कर लेते है मगर उसे कैसे व्यवस्थित रूप से सजाएं यह समझ में नहीं आता है।
विषय पर सब कुछ आते हुए भी कई बार बहुत सारी जानकारी लिखने की जल्दबाजी में हम अपनी बात को स्पष्टता से नहीं रख पाते हैं और मेहनत करने के बाद भी हमारा प्रतियोगिता में स्थान नहीं आ पाता है। इन छोटी बातों के कारण परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आ पाते हैं। पर निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं, हम आपको बताते हैं कि निबंध कैसे लिखा जाता है और एक अच्छे निंबध लेखन के लिए किन बातों का ख्याल रखा जाना जरूरी है।
 अधिकतर निबंध लेखन शुरूआत होती है पांचवी के बाद। निबंध लेखन को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है; पहला पांचवी से आठवी तक और दूसरा आठवीं से दसवी तक। तो अगर आप पांचवी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थी हैं तो सबसे पहले उन विषयों की सूची बना लें जिन पर आपको निबंध लिखने के लिए आ सकता है।
आमतौर पर इस उम्र के विद्यार्थी से अपेक्षा की जाती है कि उसे अपने आसपास की जानकारी हो। वह अपने वातावरण और समाज के प्रति जागरूक हो। उसे अपनी बात कहने का ढंग आता हो। साथ ही वह इधर-उधर का शब्दजाल ना फैलाते हुए सटीक वाक्यों का प्रयोग करना जानता हो।
सामान्यत: पांचवीं से लेकर आठवीं तक के बच्चों से ऐसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है जिनसे उनका प्रतिदिन सामना होता हो। या जो उनके सामाजिक जीवन से संबंधित हो। (क्रमश:)

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