शिक्षा हर बच्चे का बुनियादी अधिकार है। इसलिए कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे को ऐडमिशन देने से मना नहीं कर सकता। स्कूल कोई भी ऐसा पैमाना या
नियम नहीं बना सकता जो रंग, जाति, लिंग, क्षेत्र या स्टेटस के कारण किसी बच्चे को दाखिला पाने से रोकता हो। जैसे अस्पताल किसी बीमार को चिकित्सा सुविधा देने से मना नहीं कर सकता। जैसे जन परिवहन किसी नागरिक को यात्रा करने से नहीं रोक सकता। ऐसी किसी भी संस्था या संगठन को अपना काम करने की इजाजत इसी आधार पर मिलती है।

स्कूल अपने यहां दी जाने वाली सुविधाओं, पढ़ाई और फीस के बारे में नियम बना सकते हैं। लेकिन यह अधिकार बच्चे के अभिभावक को होना चाहिए कि वह अपनी आकांक्षा, सुविधा और क्षमता के हिसाब से कौन सा स्कूल चुने। सीट से ज्यादा आवेदक होने पर दाखिले का एकमात्र तरीका लॉटरी सिस्टम हो सकता है। इस बारे में हमें बताएं अपनी राय ।

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